मेदिनीनगर. सदर प्रखंड के चियांकी स्थित साधना सदन में चेरो समाज का समारोह हुआ. इसमें पलामू प्रमंडल के अलावा उतर प्रदेश से चेरो समाज के प्रबुद्ध लोग शामिल हुए. समारोह की अध्यक्षता रामराज सिंह चेरो ने की. भारत के संविधान के प्रस्तावना के पाठ के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ. त्रिपुरारी सिंह चेरो ने विषय प्रवेश कराया. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही दबंग प्रवृति के लोग चेरो समाज के उपर अत्याचार शुरू कर दिया है. यह स्थिति आज भी बरकरार है. चेरो समाज के लोगों का शारीरिक व मानसिक शोषण के साथ-साथ उनकी चल अचल संपति पर भी अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है. चेरो समाज के लोगों ने बताया कि पलामू किला की 600 एकड़ भूमि व शाहपुर किला के कई एकड़ भूमि पर सामंती प्रवृति के लोगों को अवैध कब्जा है. राजा मेदिनीराय की याद में आयोजित होने वाले आदिवासी महाकुंभ मेला का स्थल पर भी कब्जा कर लिया गया है. चेरो समाज के युवाओं ने इसका विरोध किया और भूमि माफियाओं को मुंहतोड़ जवाब दिया. समारोह में चेरो समाज के लोगों ने यह सवाल उठाया कि 1908 ई के पहले पलामू प्रमंडल के अधिकांश भू-भाग चेरो समाज के अधीन था. इसे सुरक्षित रखने के लिए 1908 में सीएनटी एक्ट बनाया गया, लेकिन आज चेरो समाज के कई लोगों के पास जीमन नहीं है. आखिर उनकी जमीन कहां गयी और किसने कब्जा किया. इस मामले को प्रमुखता के साथ उठाने की जरूरत है. चेरो समाज के लोगों पर हो रहे अत्याचार व उनकी जमीन पर अवैध कब्जा जैसे मामले को लेकर संघर्ष तेज करने की घोषणा की गयी. इसके लिए चेरो आदिवासी संघर्ष समिति का गठन हुआ. इसके माध्यम से समाज के लोगों के हक अधिकार की लड़ाई लड़ी जायेगी. कार्यक्रम का संचालन आशुतोष सिंह चेरो व धन्यवाद ज्ञापन अजय सिंह चेरो ने किया.
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