चैनपुर. प्रखंड क्षेत्र की पूर्वडीहा जलापूर्ति योजना करीब 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हुई है. पूर्वडीहा गांव में करीब 6000 हजार की आबादी है. इस गांव में जलापूर्ति के लिए 2013 में तत्कालीन मंत्री केएन त्रिपाठी ने इस योजना की आधारशिला रखी थी. योजना के तहत कोयल नदी से पानी उठाकर ग्रामीणों के बीच पेयजल आपूर्ति किया जाना था. जिसके लिए कोयल नदी में कुआं भी बनाया गया. साथ ही जलमीनार का निर्माण भी कराया गया है. पूरे गांव में पाइपलाइन भी बिछायी गयी है. जलापूर्ति के लिए आवश्यक उपकरण भी लगाये गये हैं, जो बिना चले, बिना देखरेख के खराब हो रहे हैं. इस योजना की प्राक्कलन राशि एक करोड 43 लाख थी. पूर्वडीहा में गर्मी के दिनों में पानी की समस्या काफी बढ जाती है.
क्या कहते हैं लोग
गांव के ग्रामीण कृष्णमणी दूबे, पूर्व मुखिया अरुण दूबे, श्याम किशोर दूबे ने कहा कि इस योजना की शुरू होने से ग्रामीणों को पेयजल संकट से काफी राहत मिलती. गर्मी के दिनों में पानी का लेयर नीचे चले जाने से कई चापाकल बेकार हो जाते हैं. ग्रामीण पूर्व सरपंच रामसरेख दूबे ने कहा कि सरकार के करोड़ों रुपये की संपत्ति बर्बाद हो रही है. अगर विभाग चाहता तो यहां ऑपरेटर रख कर इसे सुचारु रूप से संचालित किया जा सकता था. पंचायत के मुखिया संतोष कुमार दूबे उर्फ पपलू दूबे ने कहा कि विभागीय लापरवाही के कारण यह योजना अधर में लटकी हुई है. उनके स्तर से इसे चालू कराने तथा घर घर तक कनेक्शन दिलाने के लिए महीनों से प्रयास किया गया है, लेकिन विभाग द्वारा सिर्फ अश्वासन ही मिलता है. हाल यह है कि इसमें लगा उपकरण भी खराब होने लगा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है