मेदिनीनगर. नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय में पिछले नौ दिनों से बिजली नहीं है. अत्यधिक बकाया के कारण बिजली विभाग द्वारा कनेक्शन काट दिया गया है. विश्वविद्यालय पिछले ढाई साल से नये भवन में संचालित हो रहा है, लेकिन अभी तक कनेक्शन नहीं लिया गया है. फिलहाल विश्वविद्यालय निर्माण कार्य कर रही कंपनी जेके छाबड़ा के द्वारा लिये गये बिजली कनेक्शन का उपयोग कर रही है. कंस्ट्रक्शन कंपनी का 11 लाख 27 हजार बिजली बिल बकाया है. जिस कारण बिजली विभाग ने 27 मार्च को बिजली कनेक्शन काट दिया. विश्वविद्यालय को नया भवन हैंडओवर कर चुकी कंपनी ने बिजली बिल देना बंद कर दिया है. बिजली नहीं रहने के कारण विद्यार्थियों को माइग्रेशन, पास सर्टिफिकेट मिलने में परेशानी हो रही है. बिजली के बिना विश्वविद्यालय का सारा काम ठप है, कर्मचारियों को भी काफी परेशान हो रही है. विश्वविद्यालय के पास पावरफुल जेनरेटर नहीं होने कारण विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो पा रही है.
विवि ने बिजली बिल के लिए कभी पैसा नहीं दिया : कंपनी
विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य कर रही जेके छाबड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी के मैनेजर आरके बोस ने बताया कि कंपनी के नाम से बिजली कनेक्शन है. पिछले ढाई साल से विश्वविद्यालय बिजली का उपयोग कर रहा है. लेकिन विश्वविद्यालय के द्वारा अभी तक एक रुपया बिजली बिल के मद में राशि जमा नहीं की गयी है. जिसके कारण बकाया बिजली बिल काफी हो गया है. उन्होंने बताया कि अगस्त से बिजली बिल बाकी है. बकाया रहने के कारण लाइन काट दिया गया है. उन्होंने बताया कि निर्माण के लिए 200 किलो वाट लोड के लिए सात लाख रुपये सिक्योरिटी मनी बिजली विभाग में जमा किया गया है. विश्वविद्यालय को कई बार सूचना दी गयी है कि कनेक्शन करा लें. लेकिन अभी तक विवि के द्वारा बिजली का कनेक्शन नहीं लिया गया है.
लीगल नोटिस देंगे, बिल जमा नहीं होने पर सर्टिफिकेट केस होगा : विभाग
विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि मंगलवार को लीगल नोटिस भेजा जायेगा. उसके बाद भी यदि 15 दिनों के अंदर में बकाया बिजली बिल जमा नहीं होगा. तो सर्टिफिकेट केस किया जायेगा. जमा सिक्योरिटी मनी भी जब्त की जायेगी. बिजली बिल जमा होने के बाद ही लाइन चालू किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है