पतरातू. भाकपा के वरिष्ठ नेता पूरन राम साहू ने कहा कि शिबू सोरेन का निधन झारखंड की राजनीति और सामाजिक आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति है. शिबू सोरेन ने अपना संपूर्ण जीवन वंचितों व शोषितों के हक की लड़ाई में समर्पित कर दिया. श्री साहू ने 1971 में पतरातू प्रखंड में गरीबों की जमीन वापसी के लिए चलाये गये आंदोलन को याद करते हुए बताया कि इसमें मंजूर खान व शिबू सोरेन का सहयोग अहम रहा था. उन्होंने कहा कि पीटीपीएस, सीसीएल समेत रेल विस्तार परियोजनाओं से विस्थापित रैयतों को नौकरी दिलाने के आंदोलन में भी शिबू सोरेन का समर्थन निर्णायक रहा. हमारे सपनों में गुरुजी का लगा था खून-पसीना : राजकुमार
कुजू. झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन पर झामुमो के केंद्रीय सदस्य राजकुमार महतो ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि हममें से कई लोगों के लिए वह पिता के समान थे. हमारे सपनों में उनका खून-पसीना लगा था. उन्होंने हमसे कहा था झारखंड केवल भूगोल नहीं, यह हमारी पहचान है. इसे बचाना, संवारना और मजबूत करना ही हमारा कर्म है. उन्होंने हमें हाथ पकड़ कर चलना सिखाया. हम पहली बार गांव-गांव में संगठन बनाने निकले थे. उस समय डर था. संसाधन नहीं थे. उस समय उनका विश्वास हमारे साथ था. उन्होंने कहा कि गुरु जी के निधन के बाद से हमारी आत्मा रो रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है