Prabhat Khabar Samvad: रामगढ़, सलाउद्दीन-रामगढ़ डीएस कॉम्पलेक्स स्थित प्रभात खबर कार्यालय में रविवार को प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के कोल प्रभारी सह जेबीसीसीआई सदस्य के लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि गरीब-मजदूर का शोषण कर रिकॉर्ड कोल उत्पादन करना स्वीकार नहीं है. कोल इंडिया का शुद्ध मुनाफा 35 हजार करोड़ हो रहा है. इसमें कर्मचारियों के हित, सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण और सभी कल्याणकारी कार्यों पर भी ध्यान देना होगा. कोल इंडिया में 15 साल पहले 6.50 लाख स्थायी कर्मचारी थे, जो घट कर दो लाख रह गये हैं. कोल उत्पादन बढ़ रहा है कर्मचारियों की संख्या घट रही है. सीआइएल में 20 हजार महिला कर्मी कार्यरत हैं. महिला कल्याण समिति का गठन का प्रस्ताव दिया गया है. इस समिति के सभी पदाधिकारी भी महिलाओं को बनाया जाये. कोल मजूदरों के सैलरी अकाउंट का नेशनलाइज बैंकों से इंश्योरेंस कराया गया है. स्थाई कर्मचारी की मृत्यु के बाद एक करोड़ रुपए और ठेका मजदूर की मृत्यु के बाद 40 लाख देने का प्रावधान है. जेबीसीसीआई सदस्य के लक्ष्मा रेड्डी ने भारतीय मजदूर संघ व अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ ट्रेड यूनियन के क्षेत्र में किन मुद्दों को प्राथमिकता दे रही है. ट्रेड यूनियन की भावी रणनीति और कार्यक्रम पर खुल कर बातचीत की.
कोयला कर्मियों का शोषण पर उत्पादन लक्ष्य स्वीकार नहीं
के लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि देश में 74 प्रतिशत बिजली उत्पादन कोयला पर आधारित है. एक अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है. आने वाले 50 वर्षों के लिए कोयला उत्पादन बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन कोयला कर्मियों के शोषण के एवज में उपलब्धियां हासिल हो यह स्वीकार नहीं है. व्यावसायिक खनन, एमडीओ और रेवन्यू शेयरिंग के वर्तमान स्वरूप से वह सहमत नहीं हैं.
सीमपीएफ की राशि म्यूचुअल फंड में निवेश होगा
के लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि सीएमपीएफ में 1.5 लाख करोड़ की राशि जमा है. जिसमें प्रतिवर्ष बढ़ोतरी हो रही है. सीएमपीएफ और सीएमपीएस राशि को शेयर मार्केट व प्राइवेट कंपनी में निवेश पर रोक लगाया गया है. यह राशि राष्ट्रीयकृत बैंक म्यूचुअल फंड में निवेश हो रहे है. पेंशन राशि में बढ़ोतरी के लिये प्रति टन कोयले के उत्पादन में भी राशि बढ़ोतरी कर इस फंड में दिया जा रहा है. पहले सीएफपीएफ की राशि प्राइवेट कंपनियों में निवेश किया गया. इससे जो नुकसान हुआ है सरकार से बजट में प्रावधान करके कोल कर्मियों का पैसा वापस करने की मांग की गयी है. सीबीआई जांच कर दोषियों पर कार्रवाई किया जायें.
चार लेबर कोड पूरी तरह मजदूर विरोधी नहीं
के लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि चार लेबर कोड पूरी तरह से मजदूर विरोधी नहीं हैं. नौ जुलाई की हड़ताल राजनीति से प्रेरित थी. इसलिए भारतीय मजदूर संघ शामिल नहीं हुआ. अन्य ट्रेड यूनियन अपने प्रभाव को बचाये रखने के लिए साल में एक बार हड़ताल कराते हैं. हड़ताल को सफल बनाने के लिए राजनीतिक दलों का सहारा लेते हैं. के लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनियां किसके प्रति जबावदेह है. अधिकारियों और आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालकों के गठजोड़ के बीच सभी कल्याणकारी कार्य लंबित हो रहे हैं. ठेका मजदूरों का हाल ना घर के ना घट के वाली बना दी गयी है.
कोल परियोजना में प्रदूषण बड़ा मुद्दा
के लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि प्रदूषण कोल आधारित परियोजनाओं में बढ़ता जा रहा है. भूमिगत खदान की जगह खुले खदान में ताबड़तोड़ अत्याधिक उत्पादन करने के लक्ष्य के कारण प्रदूषण का मुद्दा गौण कर दिया गया है. डीजीएमएस धनबाद को प्रदूषण रोकने जैसे कार्यों में कदम उठाने का अधिकार मिला हुआ है. कोयले के परिवहन व उत्पादन में प्रदूषण रोकने के नाम सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. शिकायत करने के लिये जो फोरम है वह भी संवेदनशील नहीं है. बीएमएस प्रदूषण जैसे मुद्दों पर भी आंदोलन करेगी.
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