डाड़ी प्रखंड के कनकी गांव के किसान दुलारचंद महतो ने यू-ट्यूब देख कर पहली बार सूरजमुखी की खेती की है. खेत में सूरजमुखी के पौधे व फूल लहलहा रहे हैं. इससे वह बेहद उत्साहित हैं. कनकी गांव हजारीबाग जिला अंतर्गत आता है. किसान दुलारचंद महतो लंबे समय से गांव में खेती कर रहे हैं. वह अमीन भी हैं और बड़कागांव अंचल में पदस्थापित हैं. दुलारचंद महतो ने यू-ट्यूब देख कर गांव में एक एकड़ खेत में सूरजमुखी की खेती की है. फरवरी के पहले सप्ताह में उन्होंने बड़कागांव से बीज लाकर खेत में लगाया था. इसके पौधे अब बड़े-बड़े हो गये हैं और पीले फूल आ गये हैं. कई पौधो में दो-तीन फूल निकले हैं. दरअसल, फूल में ही बीज होता है. फूल पूरी तरह से तैयार हो जाता है, तब इसकी कटाई होती है. अनुमान के मुताबिक, एक एकड़ में लगभग आठ-10 क्विंटल सूरजमुखी के बीज का उत्पादन हो सकता है. सूरजमुखी की खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. सूरजमुखी की खेती के लिए मुख्यत: रबी और खरीफ मौसम सही माना जाता है. सूरजमुखी को गर्म जलवायु पसंद है.
सूरजमुखी के औषधीय गुण : सूरजमुखी के तेल में औषधीय गुण होते हैं. त्वचा की समस्याओं के उपचार में यह तेल सहायक होता है. इसका तेल त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है. इसके अलावा शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है. कृषि वैज्ञानिक पवन कुमार ने कहा कि सूरजमुखी की खेती देश के कई राज्यों में होती है. झारखंड में भी अब किसान सूरजमुखी की खेती करने लगे हैं. इसकी खेती करने से किसानों को फायदा है. सूरजमुखी की खेती के लिए यहां का मौसम अनुकूल है.
40 से 50 हजार रुपये का फायदा हो सकता है : किसान दुलारचंद महतो ने कहा कि इसकी खेती से हमें फायदा होगा, तो आगे भी खेती करेंगे. हमने पहली बार यू-ट्यूब देख कर खेती की है. 40 से 50 हजार रुपये का फायदा हो सकता है. कहा कि इसका बीज हमने 800 रुपये में खरीदा है. इसकी खेती में मेहनत लगी है, लेकिन खर्च ज्यादा नहीं हुआ है. उत्पादित बीज से तेल निकालेंगे और इसकी बिक्री करेंगे. उन्होंने कहा कि इसकी खेती से हमें 40-50 हजार रुपये का फायदा हो सकता है.
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