Yoga Awareness World Wide: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग को भारतीय मनीषा की अनुपम देन बताते हुए कहा कि भारत ने इसे केवल स्वास्थ्य लाभ तक सीमित नहीं रखा, बल्कि लोककल्याण का माध्यम बनाकर समूचे विश्व को जीवनशैली की एक नई दिशा दी. उन्होंने कहा कि आज विश्व के करीब 190 देश भारतीय योग की इस सनातन परंपरा से जुड़कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. यह भारत की सांस्कृतिक विरासत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का प्रत्यक्ष प्रमाण है.
मुख्यमंत्री शनिवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि योग भारत की ऋषि परंपरा का ऐसा दिव्य उपहार है जो न केवल शरीर को स्वस्थ बनाता है, बल्कि मस्तिष्क को भी शुद्ध, एकाग्र और सक्रिय बनाता है.
उन्होंने कहा, “भारतीय मनीषा ने हजारों वर्षों पूर्व ही इस तथ्य को पहचान लिया था कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’, अर्थात धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—ये चारों पुरुषार्थ स्वस्थ शरीर से ही संभव हैं. योग इस स्वस्थ शरीर का सशक्त साधन है.” उन्होंने आगे कहा कि स्वस्थ शरीर ही न केवल धर्म पालन का माध्यम है, बल्कि सांसारिक सफलता और आध्यात्मिक उन्नति का रास्ता भी उसी से होकर गुजरता है.
योग से मिलती है रोग, जरा और मृत्यु से मुक्ति
सीएम योगी ने शास्त्रों का उल्लेख करते हुए कहा, “न तस्य रोगो न जरा न मृत्युः प्राप्तस्य योगाग्रिमयं शरीरम्।” अर्थात योगाभ्यास से तपा हुआ शरीर रोग, बुढ़ापा और मृत्यु से भी मुक्त हो सकता है. उन्होंने योग को केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक पद्धति बताया. योग के माध्यम से न केवल शरीर रोगमुक्त रहता है, बल्कि मन को भी संतुलन और स्थिरता मिलती है, जिससे समाज और राष्ट्र कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है.
पीएम मोदी ने योग को दिलाई वैश्विक मान्यता
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आज जिस योग को दुनिया अपना रही है, वह भारत की विरासत है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने का श्रेय केवल पीएम मोदी को जाता है. उन्होंने बताया कि जब कई विदेशी संगठन योग के आसनों को पेटेंट कराने का प्रयास कर रहे थे, उस समय भारत अपनी परंपरा को खोने की स्थिति में था. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहल कर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करवाया, जिससे भारत की इस ऋषि परंपरा को विश्व भर में सम्मान मिला.
गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी ने किया योगाभ्यास
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन भी देखा और सुना. इसके बाद उन्होंने सभागार में मौजूद सैकड़ों योग साधकों और प्रशिक्षुओं के साथ योग के विभिन्न आसनों, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास किया. योग उनके दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है और वे वर्षों से गोरखनाथ मंदिर परिसर में नियमित रूप से योग करते हैं.
प्रदेश के मंत्री, सांसद और जनप्रतिनिधि भी हुए शामिल
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक फतेह बहादुर सिंह, महेंद्रपाल सिंह, विपिन सिंह और प्रदीप शुक्ल समेत कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी और आम नागरिक मौजूद रहे. महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के अतिरिक्त, गोरखनाथ मंदिर परिसर के अन्य हिस्सों में भी सामूहिक योगाभ्यास के कार्यक्रम आयोजित किए गए.
आने वाली पीढ़ियों को विरासत से जोड़ने का अवसर
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन न केवल हमारे ऋषि परंपरा के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को इस गौरवशाली विरासत से जोड़ने का भी माध्यम है. उन्होंने विश्वास जताया कि योग का उत्साह पूरे देश में स्वास्थ्य, चेतना और समरसता का वातावरण निर्मित करेगा.