1524 Apps Ban In India 2022-2025: स्टोरी हाईलाइट्स:-
- केंद्र सरकार ने 2022 से जून 2025 तक 1524 अवैध ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी प्लैटफॉर्म्स को ब्लॉक किया.
- ये प्लैटफॉर्म्स बिना रजिस्ट्रेशन के भारत में काम कर रहे थे और IGST कानून का उल्लंघन कर रहे थे.
- GST इंटेलिजेंस निदेशालय (DGGI) को IT एक्ट और IGST एक्ट के तहत ऐसे प्लैटफॉर्म्स को ब्लॉक करने का अधिकार दिया गया है.
- भारत में ऑनलाइन गेमिंग पर 28%GST लागू है और 2024-25 से नेट विनिंग्स पर 30% इनकम टैक्स भी लगाया गया है.
- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को यह जानकारी दी.
साल 2022 से जून 2025 के बीच भारत सरकार ने कुल 1,524 अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स (Apps Ban In India 2022-2025) को ब्लॉक किया है. ये प्लैटफॉर्म भारतीय टैक्स नियमों और स्थानीय कानूनों का पालन नहीं कर रहे थे, जिससे सरकार को यह कदम उठाना पड़ा.
टैक्स और कानूनी पहलू
GST इंटेलिजेंस निदेशालय (DGGI) को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और IGST अधिनियम के तहत अधिकार प्राप्त है कि वह ऐसे अवैध और अपंजीकृत ऑनलाइन गेमिंग प्लैटफॉर्म्स को ब्लॉक कर सके. भारत में ऑनलाइन गेमिंग पर 28%GST लागू है, और 2024-25 से नेट विनिंग्स पर 30% इनकम टैक्स भी लगाया गया है. विदेशी कंपनियों को भारत में संचालन के लिए IGST एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, अन्यथा उन्हें ब्लॉक किया जा सकता है.
डिजिटल विज्ञापन और धोखाधड़ी के तरीके
अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लैटफॉर्म्स अक्सर Google और Meta जैसे डिजिटल प्लैटफॉर्म्स पर विज्ञापन के माध्यम से भारतीय यूजर्स तक पहुंचते हैं. ये कई बार सरोगेट विज्ञापन का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनकी असली पहचान छिपी रहती है और यूजर्स को भ्रमित किया जाता है.
सरकार की नीति और राज्यों की भूमिका
केंद्र सरकार का उद्देश्य एक खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट सुनिश्चित करना है. इसके लिए वह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने हेतु वित्तीय सहायता और सलाह देती है. चूंकि सट्टेबाजी और जुआ संविधान के अनुसार राज्य सूची का विषय है, इसलिए राज्यों को इस पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है.
इस सरकारी कार्रवाई से क्या होगा?
सरकार की यह सख्त कार्रवाई ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के क्षेत्र में नियमितता और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न केवल टैक्स चोरी पर रोक लगेगी, बल्कि यूजर्स को सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल अनुभव भी मिलेगा.
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