आज के समय में हर कोई Facebook का इस्तेमाल करता है. Facebook न सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए बल्कि यूजर्स के कमाने का एक बढ़िया सोर्स भी बन गया है. लेकिन क्या हो जब आपको पता चले कि आपका फेसबुक आपके गैलरी में ताक-झांक कर रहा है. जी हां, प्राइवेसी को लेकर एक बार फिर Meta चर्चे में आ गया है. अब तक Meta पर यूजर्स के फोटोज और डेटा का इस्तेमाल Meta AI को ट्रेन करने का आरोप लगता रहा. लेकिन अब जो नया खुलासा हुआ है, उसने यूजर्स को टेंशन में डाल दिया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, Meta अब अपने यूजर्स के फोन के कैमरा रोल में भी तांक-झांक कर रहा है. चलिए जानते हैं इस बारे में डिटेल्स में.
नहीं मिल रही ड्रीमजॉब? ChatGPT का बस ऐसे करें इस्तेमाल, फिर देखें कमाल
क्या है मामला?
हाल ही में Meta के Facebook यूजर्स को एक Pop-Up Notification भेजा गया. जिसमें यूजर्स को एक नया फीचर “Cloud Processing” ऑन करने के लिए सजेस्ट किया गया. Meta का ये “Cloud Processing” फीचर देखने में नॉर्मल और काफी फायदेमंद लगता है. जिसे लेकर Facebook का कहना है कि इस फीचर से वह यूजर्स के कैमरा रोल (Camera Roll) से फोटो को ऑटोमैटिकली स्कैन कर उन्हें Meta के Cloud पर रेगुलर अपलोड करते रहेगा. वहीं, इसके बदले में यूजर्स को AI Creative फीचर्स जैसे Photo Collage, AI-जनरेटेड फिल्टर्स (AI-generated filters) और बर्थडे या ग्रेजुएशन जैसे इवेंट्स के लिए थीम का सुझाव देगा.
ये फीचर क्यों है खतरनाक?
ये फीचर देखने में नॉर्मल और फायदेमंद लगता है. लेकिन अगर आप इसे ऑन करते हैं, तो आप Meta को अपने फोन के गैलरी को एक्सेस करने की परमिशन दे देंगे. सरल भाषा में कहा जाए तो, आपने जो भी फोटो अब तक अपने फेसबुक अकाउंट में शेयर नहीं किए हैं, Meta उन फोटोज तक को भी स्कैन कर सकेगा. साथ ही आपके चेहरे के साथ-साथ फोटो की तारीख, लोकेशन और चीजें जैसी जानकारी भी निकाली जा सकेगी. इस के पीछे Meta का मकसद अपने AI को स्मार्ट बनाना है.
2007 से अब तक कंपनी कर रही डेटा का इस्तेमाल
वहीं, इस फीचर को लेकर Meta ने कहा है कि, यह एक Opt-In फीचर है. यानी कि आपके मर्जी के बिना इसे ऑन नहीं किया जा सकेगा. लेकिन Facebook के पुराने रिकॉर्ड्स को देखा जाए, तो Meta भी यह मान चुका है कि 2007 से अब तक यूजर्स के Facebook-Instagram पर अपलोड किए गए सभी पब्लिक डेटा का इस्तेमाल कंपनी AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए कर रही है. लेकिन कंपनी ने कभी भी इस सवाल का सही तरीके से जवाब नहीं दिया है कि पब्लिक की परिभाषा क्या है? और 2007 से अब तक किस उम्र के लोगों को एडल्ट मान कर उनके डेटा का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा, 23 जून 2024 से जो Meta की नई शर्तें लागू की गई हैं, वह भी यह नहीं बताती कि Cloud में अपलोड की गई अनपब्लिश्ड फोटोज को AI ट्रेनिंग से रखा गया है या नहीं. जो प्राइवेसी को लेकर और सवाल खड़े कर रहा है.
कैसे करें बचाव?
ऐसे में अगर आप अपने पर्सनल फोटोज को Meta Cloud पर शेयर नहीं करना चाहते, तो आप Settings में जाकर Cloud Processing फीचर को बंद कर दें. क्योंकि, इसे लेकर Meta का कहना है कि अगर कोई भी यूजर इस फीचर को ऑफ रखता है, तो उसके अनपब्लिश्ड फोटोज (Unpublished Photos) को Cloud से 30 दिनों के अंदर डिलीट कर दिया जाएगा.
इसके अलावा सावधानी भी जरूरी है. क्योंकि, जिस तरह से टेक कंपनियां AI के रेस में शामिल हैं, वे यही जांच कर रही है कि वे यूजर्स से कितना डेटा इकट्ठा कर सकती है. सुविधा के नाम पर यूजर्स के डेटा को कंपनियां कलेक्ट कर रही है. इससे यूजर्स की प्राइवेसी और डेटा बिल्कुल सेफ नहीं रहेंगे.