What is Iron Dome? | Iran Israel War: इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष जारी है. ऐसे में दुनिया के सबसे शानदार एयर डिफेंस में से एक इजरायल के आयरन डोम की परीक्षा भी हो रही है. जैसे-जैसे ईरान-इजरायल के बीच मिसाइल हमले बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे आयरन डोम के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठने लगे हैं. ईरान के तेल अवीव और हाइफा में सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने के बाद आशंका बढ़ गई है कि इजरायल का एयर डिफेंस आयरन डोम टूट सकता है या फिर कमजोर हो सकता है. ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि अगर ईरान और इजरायल के बीच युद्ध लंबा चलता है तो आयरन डोम उसका सामना किस तरह करेगा. आइए जानते हैं क्या है और आखिर कैसे काम करता है इजरायल का एयर डिफेंस आयरन डोम.
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क्या है आयरन डोम?
आयरन डोम इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसका पूरा नाम‘आयरन डोम एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम’ है. 2006 में जब लेबनानी आतंकी समूह हिजबुल्ला ने इजरायल पर 4 हजार मिसाइलें दाग दिए थे. जिसमें कई इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी. जिसके बाद ही इजरायल ने मिसाइल डिफेंस सिस्टम को बनाना शुरू किया था. जिसकी जिम्मेदारी रक्षा कंपनी राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम को दी गई. इस के बाद इजरायल 2011 से इस आयरन डोम सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है. इजरायल का ये एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम दुनिया का सबसे ज्यादा एडवांस सिस्ट सिस्टम है.
क्या है आयरन डोम की खासियत?
इजरायल का ये ताकतवर आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम जमीन से हवा में वार करने वाला सिस्टम है. यह सिस्टम हवा में ही रॉकेट और मोर्टार हमलों को नष्ट कर देता है. यह बैटरी से संचालित है, जो लगभग 40 मील के भीतर फिलिस्तीनी क्षेत्रों से लॉन्च किए गए मोर्टार हमलों और रॉकेटों से बचाव कर सकती है. वहीं, इसे आसानी से एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जा सकता है. आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम 20 20 इंटरसेप्टर मिसाइलों से लैस होता है. सबसे खास बात इस सिस्टम की ये है कि यह किसी भी मौसम और किसी भी समय काम करने में सक्षम है.
कैसे काम करता है आयरन डोम?
आयरन डोम हवा में ही दुश्मन के हवाई हमलों को रोकने का काम करता है. इसमें एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगा होता है. आयरन डोम में लगे इंटरसेप्टर यह पता लगाने में सक्षम होते हैं कि दुश्मन कि ओर से आने वाले मिसाइल या रॉकेट किस जगह गिरने वाले हैं. जिसकी मदद से हवाई हमलों को हवा में ही मार गिराया जाता है. यह तीन स्टेप्स में काम करता है.
डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार: दुश्मन के तरफ से इजरायल कि ओर भेजे गए मिसाइल को ट्रैक करता है कि दुश्मन कि ओर से मिसाइल और रॉकेट कहां से और कैसे आ रहे हैं.
कंट्रोल सेंटर: कंट्रोल सेंटर के कंप्यूटर को कमांड भेजता है कि दुश्मन कि ओर से आने वाले मिसाइल और रॉकेट का क्या नतीजा होगा. मिसाइल कहां गिरेगी. वहीं, अगर मिसाइल ऐसी जगह गिरने वली होती है, जहां लोग नहीं रहते तो यह सिस्टम आगे सिग्नल नहीं भेजता है. वहीं, अगर मिसाइल ऐसी जगह गिरने वाली होती है जहां लोग रहते हैं तो ये सिस्टम सिर्फ उन्हीं के लिए सिग्नल आगे भेजता है.
मिसाइल फायरिंग यूनिट: जैसे ही कंट्रोल सेंटर द्वारा सिग्नल भेजा जाता है तो सिस्टम का मिसाइल फायरिंग यूनिट एक्टिव ही जाता है. जिसके बाबद यह हवा में ही दुश्मन के मिसाइल और रॉकेट को नष्ट कर देती है.
सरल भाषा में कहा जाए तो आयरन डोम में एक रडार सिस्टम लगा होता है, जो दुश्मन कि ओर से आने वाले रॉकेट या मोर्टार का पता लगा लेता है. यह 4 से करीब 70 किमी की रेंज की मिसाइल को डिटेक्ट कर सकता है. साथ ही इसे हवा में ही नष्ट करने के लिए कंट्रोल रूम के कंप्यूटर को कमांड भेजता है. जिसके बाद फायर कर दुश्मन के रॉकेट से लेकर मिसाइल और ड्रोन का पीछा कर उसे हवा में ही नष्ट कर देता है.
क्या है आयरन डोम की कीमत?
आयरन डोम दुनिया के सबसे महंगे एंटी मिसाइल सिस्टमों में से एक है. जानकारी के अनुसार, इस 50 मिलियन डॉलर की थी. इस प्रोजेक्ट में पहले इजरायल ने पैसे दिए थे. उसके बाद से लगातार अमेरिका मदद कर रहा है.
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