Rafale To Be Made In India: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव (India Pakistan Tension) बढ़ा था. पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 6 और 7 मई की दरम्यानी रात ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत, पड़ोसी देश के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया. इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के ऊपर ड्रोन हमला किया. इसके जवाब में भारत ने भी अपनी वायु सेना की ताकत दिखाई, जिसमें एस-400 (S-400) के अलावा राफेल जेट विमानों का भी दम दिखा. अब पाकिस्तान की हालत और खराब होने जा रही है, क्योंकि राफेल फाइटर जेट (Rafale Fighter Jet) अब भारत में बनने जा रहे हैं.
भारत की एयरोस्पेस इंडस्ट्री को नयी दिशा देने वाली एक ऐतिहासिक डील सामने आयी है. फ्रांस की मशहूर रक्षा कंपनी दसॉ एविएशन (Dassault Aviation) और भारत की टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (Tata Advanced Systems Limited – TASL) ने राफेल फाइटर जेट के निर्माण के लिए चार अहम प्रोडक्शन ट्रांसफर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के तहत अब राफेल जेट का पूरा ढांचा (Fuselage) भारत में ही तैयार किया जाएगा, जो भारत की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को एक नयी ऊंचाई पर ले जाएगा.

भारत में बनेगा राफेल का ढांचा
इस करार के तहत हैदराबाद में टाटा की एक अत्याधुनिक फैक्ट्री स्थापित की जाएगी, जहां राफेल जेट के रीयर फ्यूजेलाज, सेंट्रल सेक्शन और फ्रंट सेक्शन समेत कई मुख्य हिस्सों का निर्माण किया जाएगा. Dassault Aviation ने इस डील को भारत के एयरोस्पेस सेक्टर में बड़ा निवेश करार दिया है, जो हाई-प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग में भारत को अग्रणी बनाएगा.
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फैक्ट्री का संचालन वित्त वर्ष 2028 से शुरू होने की उम्मीद है. शुरुआती चरण में हर महीने दो फुल फ्यूजेलाज तैयार होकर बाहर निकलेंगे. यह पहला मौका होगा जब फ्रांस से बाहर राफेल के ढांचे का निर्माण होगा, जिससे भारत वैश्विक एयरोस्पेस सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन सकता है.
कंपनियों का क्या कहना है?
Dassault Aviation के CEO एरिक ट्रैपियर ने इस साझेदारी को निर्णायक कदम बताया. उन्होंने कहा कि भारत में प्रोडक्शन से उनकी सप्लाई चेन मजबूत होगी और क्वाॅलिटी व प्रतिस्पर्धा के वैश्विक मानकों को बरकरार रखना आसान होगा.
वहीं, TASL के CEO सुकरण सिंह ने कहा, पूरे फ्यूजेलाज का निर्माण भारत में होना टाटा की क्षमताओं और दसॉ के साथ मजबूत रिश्तों का सबूत है. यह मेक इन इंडिया विजन को और मजबूती देगा और भारत को वैश्विक रक्षा निर्माण हब बना सकता है.
यह साझेदारी भारत में स्थानीय रोजगार के नये अवसर पैदा करेगी और भविष्य में राफेल पार्ट्स के एक्सपोर्ट की संभावना को भी जन्म देगी.
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