Kendriya Vidyalaya School In India: केंद्रीय विद्यालय देश में अलग स्थान रखते हैं. केंद्रीय विद्यालय संगठन के अंदर आने वाले सभी स्कूल अपनी शिक्षा, कम फीस और रिकॉर्ड्स के लिए जाने जाते हैं. यही कारण है कि इन स्कूलों में दाखिला पाना छात्रों और उनके अभिभावक के लिए उपलब्धि जैसा है. भारत में करीब 1256 केंद्रीय विद्यालय के स्कूल हैं. हालांकि, हाल के दिनों में ऐसे आंकड़ें सामने आए हैं, जिससे ये साफ होता है कि इन स्कूलों का क्रेज घटा है.
Kendriya Vidyalaya School: क्या है पूरा मामला?
दरअसल, लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार, केवी में बीते पांच वर्षों में नए एडमिशन में छात्रों की संख्या में काफी गिरावट आई है. नए नामांकन 2020-21 में 1.95 लाख से घटकर 2021-22 में 1.83 लाख और 2022-23 में 1.58 लाख हो गए. 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 1.75 लाख हो गई, और फिर 2024-25 में घटकर 1.39 लाख रह गई.
Kendriya Vidyalaya School Admission Records: क्या कहते हैं आंकड़ें?
- 2020-2021- 1.95 लाख
- 2021-22 – 1.83 लाख
- 2022-23- 1.58 लाख
- 2023-24 – 1.75 लाख
- 2024-25- 1.39 लाख
KVs School: केवीएस को आवंटित राशि में इजाफा
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या में भी काफी कमी है. वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा 13.88 लाख से घटकर 2024-25 में 13.5 लाख रह गया.
केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVs) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 31-03-2024 में सभी राज्यों के केंद्रीय विद्यालय को मिलाकर स्कूल में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या 13,90,517 थी. वहीं वर्ष 2025 में यह संख्या 13,51,446 दर्ज की गई.
हालांकि, केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) को आवंटित धनराशि में पिछले वर्षों की तुलना में लगातार वृद्धि देखी गई है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, केवीएस को दी जाने वाली धनराशि 2020-21 में 6,437.68 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 8,727 करोड़ रुपये हो गई है.
Kendriya Vidyalaya Schools In India: 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में करीब 1256 केंद्रीय विद्यालय के स्कूल हैं. इन स्कूलों में केंद्रीय कर्मचारी के बच्चे पढ़ते हैं. हाल ही में केंद्र ने 85 नए केंद्रीय विद्यालय को खोलने की मंजूरी दी है. ऐसे में स्कूलों की संख्या में तो वृद्धि आएगी. लेकिन छात्रों की घटती संख्या निश्चय ही परेशानी का कारण बन सकता है.
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