– बाढ़ की जद में बरियारपुर व खड़गपुर प्रखंड के कई पंचायत के दर्जनों गांव, मुख्य सड़क से हुआ संपर्क भंग
फोटो संख्या-मुंगेर
गंगा का जलस्तर भले ही खतरे के निशान 39.33 मीटर से 26 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. लेकिन बाढ़ की समस्या जिले के चार प्रखंड, खास कर मुंगेर सदर व बरियारपुर में विकराल रूप धारण कर लिया है. कई गांवों में जहां बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, वहीं विद्यालयों में पानी घुस गया है. जो अब जान-माल के लिए खतरा उत्पन्न करने लगी है. इधर बाढ़ के कारण पशुपालकों के समक्ष खुद के परिवार के साथ ही अपने पशुओं की देखभाल करना मुश्किल हो गया है.खतरे के निशान से मात्र 26 सेंटीमीटर नीचे बह रही गंगा
गंगा का जलस्तर मंगलवार को कुछ घंटों के लिए रूका था, लेकिन शाम 4 बजे के बाद फिर से बढ़ने लगी. सोमवार की रात 9 बजे गंगा का जलस्तर 38.85 मीटर था. जो मंगलवार की सुबह 7 बजे 19 सेंटीमीटर बढोतरी के साथ 39.04 मीटर पर पहुंच गया. आपदा विभाग से जारी रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार की सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर 39.05 मीटर पर पहुंच कर स्थिर हो गया. जो अपराह्न 2 बजे तक बनी रही. लेकिन जब मंगलवार की शाम 6 बजे की रिपोर्ट जारी की गयी तो गंगा का जलस्तर 39.07 मीटर पर पहुंच गया था. माना जा रहा है कि मंगलवार की शाम में प्रतिघंटा एक सेंटीमीटर के हिसाब से गंगा के जलस्तर में बढोतरी हो रही है.गांव, घर व विद्यालयों में घुसा बाढ़ का पानी
बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है. मुंगेर सदर प्रखंड के गंगा पार कुतलुपुर, जाफरनगर एवं टीकारामपुर पंचायत का सभी गांवों में जहां बाढ़ का पानी घूस गया है.वहीं कई घरों मे भी पानी घूस गया है. रास्तों पर बाढ़ का पानी भर जाने से इन पंचायत के दर्जनों गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से भंग हो गया है. चंडिका स्थान के पास करारी में बसे टीकारामपुर पंचायत के गांवों में भी पानी घूस गया है. घर आंगन तक बाढ़ के पानी फैल चुके है. तीनों पंचायत का सभी ग्रामीण घरों में कैद हो गये है. अब गांवों के लोग राशन-पानी और मवेशियों के साथ नाव के सहारे सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे है. इधर गंगा पार गांधी उच्च विद्यालय कुतलुपुर कचहरी टोला, म.वि. राम सिंह टोला, म.वि. कचहरी टोला सहित जाफरनगर एवं टीकारामपुर पंचायत के आधे दर्जन विद्यालयों में पानी घूस गया अथवा परिसर में पानी घूस गया है. जिसके कारण पठन पाठन पुरी तरह से प्रभावित हो गयी है.पशुपालकों की बढ़ी परेशानी, लखमिनिया बांध पर मवेशियों के साथ डाला डेरा
गंगा पार पंचायत के पशुपालक कई प्रकार की समस्या से घीर गया है. एक ओर जहां पशुपालक बेगूसराय के वार्डर इलाका लखमिनिया बांध पर मवेशियों के साथ डेरा डाल दिया है. वहीं दर्जनों पशुपालक नाव के सहारे पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे है. बढ़ के कारण पशुपालकों के समक्ष पशु चारा की विकट समस्या उत्पन्न हो गयी है. खेत-खलिहान डूबने से पशु चारा जहां बर्बाद हो गया है, वहीं पहले से गुहाल में रखे सूखा चारा से पशुओं की भूख मिठाने का प्रयास किया जा रहा है.कहते हैं एसडीओ
एसडीओ सदर कुमार अभिषेक ने बताया कि बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. जहां से भी नाव का डिमांड हो रहा है, वहां नाव भेजा जा रहा है. कुल 11 नावों का परिचालन जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है. हालांकि नाव का उपयोग सिर्फ आवागमन के लिए किया जा रहा है. लोग अपने-अपने गांव व घर में बने हुए हैं.बाढ़ के पानी से बरियारपुर विद्युत पावर सब स्टेशन बाधित
बरियारपुर
: बाढ़ की विभिषिका से बरियारपुर प्रखंड के लोग पूरी तरह से सहमी हुई है. एक ओर जहां गंगा पार झौवाबहियार, हरिणमार के लोग बा़ढ से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर घोरघट, नीरपुर, बरियारपुर दक्षिणी, करहरिया दक्षिणी पंचायत के लोग बाढ़ से त्राहिमाम कर रहे. वहीं बरियारपुर विद्युत पावर सब स्टेशन में पानी घूसने से बिजली संकट उत्पन्न हो गयी है. बताया जाता है कि बाढ़ का पानी विद्युत पावर सब स्टेशन में 3 फीट ऊंचा खड़ा हो गया है. जो बड़े-बड़े ट्रांसफार्मर को छूने को आतुर हो रही है. विद्युत पावर सब स्टेशन में बाढ़ के पानी में बड़े-बड़े ड्राम तैर रहे हैं. परिसर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के करण बरियारपुर उपभोक्ताओं को मंगलवार के दिन 11 बजे के बाद विद्युत आपूर्ति बंद कर दिया गया और मंगलवार की शाम तक 6 बजे तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई थी. जिसके कारण उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कनीय अभियंता हिमांशु कुमार भूषण ने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शामपुर से लोहची एवं बरियारपुर बाजार फीडर को जोड़ा जा रहा है. सफियाबाद से उदयपुर फीडर को जोड़ा जा रहा है. जबकि कल्याणपुर फीडर के लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है