जमालपुर.
गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण जमालपुर प्रखंड के कई पंचायत में बाढ़ के पानी का दबाव बन गया है. इस बीच प्रखंड के इंदरूख पश्चिमी पंचायत के एक मोहल्ले में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिसके कारण पुरवारी टोला फ़रदा और हेरू दियारा काली स्थान क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत बन गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि गंगा का जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जिसके कारण इंदरूख पश्चिमी पंचायत के हेरूदियारा काली स्थान वार्ड संख्या 5 में बाढ़ का पानी मोहल्ले तक प्रवेश कर गया है. ग्रामीणों ने कहा कि यदि गंगा के जलस्तर में और अधिक वृद्धि होती है तो लोगों के घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाएगा. उन्होंने कहा कि बाढ़ की विभीषिका झेलना उन लोगों की त्रासदी बन गई है. निचले क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाता है और वहां रहने वाले लोग बाढ़ राहत शिविर में शरण लेना पड़ता है, लेकिन जलस्तर कम होने के बाद जब दोबारा वे लोग लौटकर अपना घर आते हैं तो उन्हें अपनी गृहस्थी बसाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने कहा कि इस दौरान सरकार या संबंधित विभाग द्वारा उनकी मदद नहीं की जाती है. यदि प्रशासन समय पर ही बाढ़ से बचने का उपाय कर ले तो हजारों की संख्या में लोगों को परेशानी नहीं झेलनी होगी. मुखिया कल्पना देवी ने बताया कि पंचायत के दो मोहल्ले में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिसके कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बाढ़ को लेकर आपदा विभाग को तत्काल कदम उठाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि जमालपुर प्रखंड के पांच पंचायत में बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है. जिनमें सिंघिया, परहम, इंदरुख पश्चिमी, इटहरी और रामपुर कला पंचायत शामिल है. इसमें परहम पंचायत में कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है.ढोल पहाड़ी, चौरगांव व अमैया गांव में फैला पानी
असरगंज
: गंगा के जल स्तर में लगातार हो रही वृद्धि से असरगंज के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. प्रखंड के चौरगांव, अमैया एवं ढोल पहाड़ी गांव के चौर बहियार में एक बार फिर गंगा का पानी फैल गया है और इस इलाके में रह रहे लोगों के समक्ष परेशानी उत्पन्न हो गई है. गांव से बाहर चारों तरफ बाढ़ सा नजारा उत्पन्न हो गया है. लगातार पानी फैलने से खेतों में रोपाई की गई धान की फसल भी डूब गई है. जिससे किसान चिंतित हो गये हैं. अब ग्रामीणों को यह भय सता रहा है कि कहीं बाढ़ का पानी उनके गांव में न प्रवेश कर जाय और वे लोग घर से बेघर हो जायेंगे. मालूम हो कि 15 दिन पूर्व आयी बाढ़ में धान का बिचड़ा डूब गया था और बिचड़ा गलकर बर्बाद हो गया था. इधर एक बार फिर आई बाढ़ ने किसानो की मुश्किलें बढ़ा दी है. बाढ़ के संबंध में सीओ उमेश शर्मा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में चार ऊंचे जगह को चिन्हित किया गया है. बाढ़ का पानी गांव में प्रवेश करने पर बाढ़ पीड़ित इन उंचे स्थानों पर शरण लेंगे. गंगा के बढ़ते जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है