मुंगेर.
मुंगेर गंगा का बढ़ता जलस्तर अब लोगों को डाराने लगा है. जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया है और तेजी से खतरे की रेखा की तरफ बढ़ रहा है. वार्निंग लेवल को क्रॉस करने के बाद बाढ़ का पानी दियारा क्षेत्र के अलावे नदी-नालों से होकर करारी क्षेत्रों की तरफ भी बढ़ने लगा है. सैकड़ों एकड़ खेतों में लगी फसल व पशु चारा डूब चुका है. कई स्थानों पर कटाव भी शुरू हो चुका है. जिसके कारण बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों के ग्रामीणों की टेंशन काफी बढ़ गयी है.मुंगेर में गंगा का वार्निंग लेवल 38.33 मीटर व डेंजर लेवल 39.33
आपदा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को मुंगेर में गंगा ने वार्निंग लेवल किया क्रॉस कर गया है. रविवार की शाम 6 बजे गंगा वार्निंग लेवल से 9 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी. रविवार की सुबह 10 बजे वाटर लेवल ने वार्निंग लेवल को पार कर 38.35 मीटर पर पहुंच गया. अपराह्न 2 बजे वाटर लेवल 38.38 मीटर पर पहुंचा और शाम 6 बजे वाटर लेवल 38.42 मीटर पर पहुंच गया. जो खतरे के निशान से मात्र 91 सेंटीमीटर नीचे है. विदित हो कि मुंगेर में वार्निंग लेवल 38.33 मीटर व डेंजर लेवल 39.33 मीटर है.
खेतों में घुसा बाढ़ का पानी, कटाव शुरू
वार्निंग लेवल को पार करते हुए बाढ़ का पानी संकट उत्पन्न करने लगा है. दियारा क्षेत्र में तेजी से बाढ़ का पानी अपना पांव पसार रहा है. सदर प्रखंड के तोफिर, टीकारामपुर, सीताचरण, जमीनडिगरी, कुतलुपुर दियारा में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है. जो खेतों में लगे मक्का का फसल, सब्जी का फसल व पशु चारा के लिए लगे फसल को डुबो दिया है. इतना ही नहीं सदर प्रखंड के सीताकुंड डीह गांव एवं हेमजापुर वार्ड संख्या 12 में गंगा कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. हल्का कटाव भी शुरू हो गया है. अगर गंगा के जलस्तर में बढोतरी होती है तो कटाव का खतरा बढ़ जायेगा. इधर नदी-नालों से निकल कर बाढ़ का पानी करारी क्षेत्र में पहुंच चुका है. सदर प्रखंड के चिकदह बहियार में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है. बढ़ते गंगा के जलस्तर से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है और बाढ़ प्रभावित सदर प्रखंड व बरियारपुर प्रखंड के लोग उचित स्थान की तालाश करने लगे है.
बोले एसडीओ
एसडीओ सदर कुमार अभिषेक ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए राहत व बचाव को लेकर प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गयी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए नाव की व्यवस्था कर ली गयी है. जबकि राहत शिविर के लिए स्थानों का चयन कर लिया गया है. बाढ़ में जान-माल की क्षति नहीं हो इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ पर नजर रखा जा रहा है. जैसे ही समस्या उत्पन्न होगी, बाढ़ प्रभावित के बीच राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
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