मुंगेर. संन्यासपीठ पादुका दर्शन में चल रहे चार्तुमास अनुष्ठान कें अंतर्गत श्रीराम कथा के तीसरे दिन मंगलवार को योग विद्यालय के परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद सरस्वती की उपस्थिति में पंडित नीलमणि दीक्षित ने भगवान राम के अवतार के कारणों पर प्रकाश डालते हुए नारद मुनी के श्राप के प्रसंग पर भी विस्तार से चर्चा की. मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर-नारी मौजूद थे. उन्होंने गुरु में श्रद्धा की महत्ता को उजागर करते हुए कहा कि भगवान शंकर ने कहा कि देवर्षि नारद के श्राप के कारण श्रीराम को भी अवतार लेना पड़ा. माता पार्वती ने गुरू देवर्षि नारद से प्रश्न किया कि भगवान ने ऐसा क्या अपराध किया जो उन्हें श्राप मिला. उन्होंने कहा कि गुरु और भगवान भक्त के ह्दय में अहंकार के अंकुरित होते ही उसे निकालने का प्रयास करते हैं. अन्यथा उस अंकुर के वृद्ध बन जाने पर वह साधक को पतन की ओर ले जाता है.
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