मुंगेर . जिला विधिक सेवा प्राधिकार के एडीआर भवन में शुक्रवार को महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उसका उद्घाटन विशेष न्यायाधीश उत्पाद प्रथम रूंपा, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी निष्ठा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. विशेष न्यायाधीश उत्पाद प्रथम रुंपा ने कहा कि सभी कार्यालय में जहां महिलाएं कार्य करती है वहां इंटरनल कंप्लेन कमेटी का गठन किया गया है. अगर किसी महिलाओं को ऐसा लगता है कि उनके साथ लैंगिक उत्पीड़न हो रहा हो तो इसकी शिकायत गठित इंटरनल कंप्लेन कमेटी में करें. आपकी शिकायत गुप्त रखी जाएगी एवं जांच उपरांत दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी. न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी निष्ठा ने कहा की गलत इशारा रखते हुए महिला की बार-बार तारीफ करना, अश्लील इशारा करना, अश्लील मैसेज भेजना या फिर अशलील तस्वीर या साहित्य दिखाना, महिला की मर्जी के बिना उसे छूने की कोशिश करना, महिला के न कहने के बावजूद उसके करीब जाने की कोशिश करना, गलत इरादे से किया गया महिलाओं के साथ ऐसा कोई व्यवहार जो उसे असहज महसूस करता हो यह सभी लैंगिग उत्पीड़न के दायरे में आता है. विधिक संघ की सचिव रानी कुमारी ने कहा कि अधिक से अधिक कामकाजी महिलाओं के बीच इसको लेकर जागरूकता फैलाएं. ताकि उसे इस अधिनियम के तहत न्याय मिल सके. मौके पर अधिवक्ता अंजिता रानी, पीएनवी प्रीति गुप्ता, रंजू कुमारी, शिवानी कुमारी, पिंकी देवी, चंदा कुमारी, सूफिया खातून सहित व्यवहार न्यायालय के महिला कर्मी उपस्थित थी.
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