चार माह में आइसीडीएस के तहत संचालित आंगनबाड़ी केंद्र से भेजे गये मात्र 16 कुपोषित बच्चे
मुंगेर. जिले के कुपोषित बच्चों की बेहतर देखभाल एवं इलाज के लिए सदर अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र संचालित किया जाता है. जहां स्वास्थ्य विभाग और आइसीडीएस के तहत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा जिले के कुपोषित बच्चों को यहां इलाज के लिए भेजा जाता है, लेकिन जिला प्रशासन का आइसीडीएस विभाग इसे लेकर अधिक दिलचस्पी नहीं ले रहा है. इस कारण जिले के कुपोषित बच्चों को सही समय पर बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है. इसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल से जून के तीन माह में सदर अस्पताल के एनआरसी वार्ड में कुल 58 कुपोषित बच्चों को इलाज के लिए लाया गया है. इसमें मात्र 16 कुपोषित बच्चों को ही आइसीडीएस के आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा भेजा गया है, जबकि शेष 42 कुपोषित बच्चों को खुद स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा ही चिन्हित कर एनआरसी भेजा गया है.जिले में कुपोषित बच्चों के इलाज और उन्हें कुपोषण से बचाने के लिए सदर अस्पताल में 14 बेड का पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) वार्ड संचालित हो रहा है, हालांकि यहां बच्चों को कुपोषण से बचाया जाता है. आइसीडीएस के तहत संचालित आंगनबाड़ी केंद्र तथा जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम दोनों द्वारा ही कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर पोषण पुनर्वास केंद्र में भेजना है. यहां कुपोषित बच्चों को 15 दिनों तक रखा जाता है. जहां उनके खाने-पीने का अलग से डायट निर्धारित होता है, जबकि यहां बच्चों को कुपोषण से छुटकारा दिलाया जाता है.
पांच प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं ले रहे दिलचस्पी
जिले के नौ प्रखंडों में से पांच प्रखंडों द्वारा कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र तक भेजने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. वहीं अन्य चार प्रखंडों की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. बता दें कि असरगंज, बरियारपुर, धरहरा, तारापुर एवं टेटियाबंबर प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा मार्च से जून के बीच एक भी कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र नहीं भेजा गया है, जबकि हवेली खड़गपुर द्वारा चार माह में 2, जमालपुर द्वारा 6, सदर प्रखंड द्वारा 7 तथा संग्रामपुर द्वारा मात्र एक कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा गया है.
पोषण पुनर्वास केंद्र तक कुपोषित बच्चों को लाने की जिम्मेदारी आइसीडीएस विभाग पर भी है. इस संबंध में आइसीडीएस डीपीओ से बात की जायेगी. साथ ही इससे जिलाधिकारी को भी अवगत कराया जायेगा.डॉ रामप्रवेश प्रसाद, प्रभारी सिविल सर्जन
चार माह में 58 कुपोषित बच्चे पहुंचे पोषण पुनर्वास केंद्र
माह स्वास्थ्य विभाग आइसीडीएसमार्च 8 3
अप्रैल 5 0
मई 15 7
जून 11 6B
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