मुंगेर. आरडी एंड डीजे कॉलेज के प्राचार्य प्रो. प्रभात कुमार गुरूवार को लगभग 3 वर्षों के प्राचार्य का कार्यकाल पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो गये. प्राचार्य के रूप में यह कार्यकाल महाविद्यालय को एक सुचिंतित अनुभव के साथ कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी की सीख शैक्षणिक व्यवस्था को दे गया. इस दौरान कॉलेज के शिक्षकों व कर्मियों ने उन्हें विदाई दी. प्राचार्य के रूप में उन्होंने महाविद्यालय की तपोनिष्ठ परंपरा का पालन संपूर्ण सुचिता के साथ किया. डीजे कॉलेज का ऐतिहासिक गौरव रहा है. जिसे और अधिक उन्नत करने में अपनी गहरी समझ और कर्तव्यनिष्ठा का समुचित प्रयोग उन्होंने किया है. वे सदैव अकादमिक एवं प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर होकर बोलते और लड़ते रहे हैं. वे महाविद्यालय को भ्रष्टाचारमुक्त, कर्तव्य के प्रति निरंतर सजग व जवाबदेह रहने और छात्र-छात्राओं के हित में तत्परता दिखाने की ओर महाविद्यालय को उन्मुख करते रहे. यही कारण है कि आरडी एंड डीजे कॉलेज अपनी विशिष्टता और गौरवबोध के साथ जीवंत और खड़ा है. प्रो. प्रभात कुमार 1 फरवरी 1983 को विश्विद्यालययी सेवा में आए और अपने 42 वर्ष 5 महीने के लंबे अकादमिक कार्यकाल में राजनीतिक शास्त्र विषय में अपनी सेवाएं दीं. वे इस अवधि के दौरान विभागाध्यक्ष, संकाय प्रमुख (सामाजिक विज्ञान संकाय) और 4 बार सीनेट व सिंडिकेट के सक्रिय सदस्य रहे. आरडी एंड डीजे कॉलेज के प्राचार्य प्रो. प्रभात कुमार गुरूवार को लगभग 3 वर्षों के प्राचार्य का कार्यकाल पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो गये. प्राचार्य के रूप में यह कार्यकाल महाविद्यालय को एक सुचिंतित अनुभव के साथ कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी की सीख शैक्षणिक व्यवस्था को दे गया. इस दौरान कॉलेज के शिक्षकों व कर्मियों ने उन्हें विदाई दी. प्राचार्य के रूप में उन्होंने महाविद्यालय की तपोनिष्ठ परंपरा का पालन संपूर्ण सुचिता के साथ किया. डीजे कॉलेज का ऐतिहासिक गौरव रहा है. जिसे और अधिक उन्नत करने में अपनी गहरी समझ और कर्तव्यनिष्ठा का समुचित प्रयोग उन्होंने किया है. वे सदैव अकादमिक एवं प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर होकर बोलते और लड़ते रहे हैं. वे महाविद्यालय को भ्रष्टाचारमुक्त, कर्तव्य के प्रति निरंतर सजग व जवाबदेह रहने और छात्र-छात्राओं के हित में तत्परता दिखाने की ओर महाविद्यालय को उन्मुख करते रहे. यही कारण है कि आरडी एंड डीजे कॉलेज अपनी विशिष्टता और गौरवबोध के साथ जीवंत और खड़ा है. प्रो. प्रभात कुमार 1 फरवरी 1983 को विश्विद्यालययी सेवा में आए और अपने 42 वर्ष 5 महीने के लंबे अकादमिक कार्यकाल में राजनीतिक शास्त्र विषय में अपनी सेवाएं दीं. वे इस अवधि के दौरान विभागाध्यक्ष, संकाय प्रमुख (सामाजिक विज्ञान संकाय) और 4 बार सीनेट व सिंडिकेट के सक्रिय सदस्य रहे.
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