मुंगेर. निजी नर्सिंग होम, पैथोलॉज, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड जांच के निबंधन को लेकर नये नियम के बाद अब स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करेगी. जिसके तहत अब निजी क्लीनिक व पैथोलॉजी को बोर्ड पर निर्धारित फीस व डिग्री के साथ डॉक्टर का नाम प्रदर्शित करना होगा. जबकि मानक के अनुरूप फायर सेफ्टी, एयर पॉल्यूशन और बाॅयो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेन्ट का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा. जबकि अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी तथा एक्स-रे जांच अधिकृत रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर या तकनीशियन ही करेंगे. सिविल सर्जन डा रामप्रवेश प्रसाद ने बताया कि निजी नर्सिंग होम निबंधन को लेकर नये नियम के तहत 40 बेड से कम क्षमता वाले निजी नर्सिंग होम व अस्पताल को निबंधन कराना अनिवार्य भले ही नहीं है, लेकिन मानक के अनुरूप सभी प्रकार का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा. जबकि पैथोलॉजी, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड जांच के को भी सभी मानक का पालन करना अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि निजी क्लीनिक में मरीज का इलाज भी सरकार से मान्यता प्राप्त डिग्रीधारी डाक्टर ही करेंगे. इसके लिये डिग्रीधारी डाक्टर का नाम के साथ फीस और ऑपरेशन का चार्ज निजी क्लीनिक में डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित करना होगा. यह नियम 40 से कम बेड वाले वैसे निजी नर्सिंग होम पर भी लागू होगा, जो क्लिीनिकल स्टैबलिसमेन्ट एक्ट के तहत स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत नहीं है. इसके अलावा सभी पैथोलॉजी जांच केंद्र तथा एक्सरे व अल्ट्रासोनोग्राफी सेंटरों सहित नेत्र अस्पतालों पर भी यह नियम लागू होगा. सिविल सर्जन ने कहा कि मानवाधिकार द्वारा वर्ष 2022 में जारी आदेश और हाईकोर्ट द्वारा 9 मई 2025 को जारी आदेश के तहत जिले में संचालित 40 बेड से कम क्षमता वाले निजी नर्सिंग होम व जांच केंद्र के लिये जिला में 4 सदस्यीय धावा दल गठन किया जायेगा. जिसमें एक प्रशासनिक पदाधिकारी के अलावा चिकित्सा पदाधिकारी शामिल होंगे. धावादल समय-समय पर निजी क्लीनिक, पैथोलॉजी जांच घर, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच करेंगे. जांच के दौरान नियम का पालन नहीं करने वाले निजी नर्सिंग होम व जांच केंद्रों के विरूद्ध संबंधित स्वास्थ्य संस्थान में तालाबंदी करते हुए विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
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