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मर्यादा व आदर्श के प्रतीक थे राम

मर्यादा व आदर्श के प्रतीक थे राम

मुंगेर. सरस्वती विद्या मंदिर मुंगेर में बुधवार को तुसली जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उद्घाटन प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह, उपप्रधानाचार्य अमन कुमार सिंह, बालिका खंड की प्रभारी प्रधानाचार्या राखी सिन्हा ने संयुक्त रूप से गोस्वामी तुलसीदास की तस्वीर पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलित कर किया. प्रधानाचार्य ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास का स्थान रामभक्ति परंपरा में अतुलनीय है. राम मानवीय मर्यादाओं व आदर्शों के प्रतीक हैं. राम के माध्यम से तुलसीदास ने नीति, स्नेह, शील, विनय, त्याग जैसे आदर्शों को प्रतिष्ठित किया. कहा कि रामचरित मानस हमारी सभी समस्याओं का समाधान करनेवाला कल्याणकारी ग्रंथ है. उपप्रधानाचार्य ने कहा कि रामचरितमानस में जीवन के सभी क्षणों को आदर्श के रुप में प्रस्तुत किया गया है. मन की अवस्था के अनुसार पाठक को उसके आदर्श की अनुभूति होती है. यह ग्रंथ हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने तथा सत्य, प्रेम और कर्तव्य की शिक्षा देता है. छात्र सागर कुमार तुलसीदास के वेशभूषा में थे, जो जयंती का मुख्य आकर्षण रहा. उन्हें देखकर तुलसीदास का इस धरती पर पुनः अवतरित होने का भाव उत्पन्न हो रहा था. छात्रा वैष्णवी प्रिया, स्पृहा भारती एवं छात्र अंकुर राज, यत्न सिन्हा, मेजर साहब, द्वीप शर्मा, अल्तमश खान, अभिनव कुमार, फनीश, कुमार वैभव राज, नवनीत कुमार, आर्यन राय, देवराज ने भाषण, भजन एवं रामचरित मानस के चौपाई का पाठ किया.

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