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मुंगेर किला के ढह रहे उत्तरी द्वार का रुका मरम्मत कार्य, संकट बरकरार

शीघ्र निदान नहीं होने पर मुंगेर के आन-बान-शान का प्रतिक उत्तरी द्वार कभी भी धराशाही हो सकता है.

– निर्माण एजेंसी भवन निर्माण विभाग ने कला एवं संस्कृति विभाग को भेजा पत्र, कहा मरम्मती की नहीं स्थाई निदान की है जरूरत

मुंगेर

मुंगेर किला के ढह रहे उत्तरी द्वार के लिए जो मरम्मती कार्य प्रारंभ किया गया था, उस पर निर्माण एजेंसी भवन निर्माण विभाग यह कहते हुए रोक लगा दिया कि इस द्वार की मरम्मती की नहीं, स्थाई निदान की जरूरत है. जिसके कारण इस द्वार पर संकट बरकरार है. शीघ्र निदान नहीं होने पर मुंगेर के आन-बान-शान का प्रतिक उत्तरी द्वार कभी भी धराशाही हो सकता है.

उत्तरी द्वार का रूका मरम्मती कार्य

बताया जाता है कि 6 जुलाई को किला के उत्तरी द्वार के उपरी भाग का कुछ हिस्सा ढह कर गिर गया था. प्रशासनिक आदेश पर भवन निर्माण विभाग द्वारा पूर्व निविदा के माध्यम से चयनित संवेदक द्वारा 7 जुलाई सोमवार को संवेदक द्वारा मरम्मती कार्य शुरू किया गया. लेकिन मरम्मती के लिए जब मिस्त्री व मजदूर किला के ढहे हिस्से की सफाई करते लगे तो उसमें लगाया गया स्लैब गिरने लगा. कई बार प्रयास किया गया और हर बार स्लैब के गिरने का सिलसिला जारी रहा. जिसके बाद भवन निर्माण विभाग की टीम ने किला के मरम्मती कार्य का निरीक्षण किया. जिसके बाद मरम्मती कार्य को रोक दिया गया.

मरम्मती की नहीं, स्थाई निदान की है जरूरत

भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता नीतीश कुमार ने बताया कि कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से किला के क्षतिग्रस्त उत्तरी द्वारा की मरम्मती के लिए राशि उपलब्ध कराया गया था. निविदा के माध्यम से संवेदक का चयन किया गया. 9 लाख से अधिक राशि का प्रावधान मरम्मती पर किया गया. लेकिन जब संवेदक ने मरम्मती कार्य शुरू करना चाहा तो वह संभव नहीं हो पाया. क्योंकि उत्तरी द्वारा की छत पूरी तरह से डेमेज हो चुकी है. इस प्राक्कलन में किला की मरम्मती होना मुश्किल है. जिसके कारण तत्काल मरम्मती कार्य पर रोक लगा दिया गया है. साथ ही कला एवं संस्कृति विभाग को सूचना दे दिया गया कि जो पूर्व में प्राक्कलन तैयार किया गया था. उसमें किला की मरम्मती नहीं हो सकती है. इसका पुन: प्राक्क्लन बनाने और प्राक्कलन के अनुसार राशि का प्रावधान होना जरूरी है. विभाग अपने स्तर से विशेषज्ञों की टीम को भेज कर द्वार का निरीक्षण कराये. जिससे किला का मौलिक संरचना बनी रहे और किला के द्वार की खुबसूरती बरकरार रहे.

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