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तकनीकी कारणों से 24 जून से बंद पड़ा है विद्युत शवदाह गृह

अंतिम संस्कार में हो रही परेशानी, ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस में रहने के बावजूद विद्युत शवदाह गृह की मशीनरी की नहीं हो रही नियमित मॉनिटरिंग व रिपेयरिंग

मुंगेर. शहर के लालदरवाजा श्मशान घाट पर विद्युत शवदाह गृह बना हुआ है. इसका संचालन नगर निगम के अधीन है. यह 24 जून से ही बंद पड़ा हुआ है. जबकि इसके ऑपरेशन एंड मेंटनेंस पर करोड़ों रुपये बुडको खर्च करता है. विद्युत शवदाह गृह बंद रहने और गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण शव का दाह-संस्कार करने में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

करोड़ों खर्च के बावजूद विद्युत शवदाह गृह बदहाल

गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए नमामि गंगे परियोजना के तहत 1993 में लाल दरवाजा में विद्युत शवदाह गृह का निर्माण किया गया था. कई वर्षों तक बंद रहने के बाद वर्ष 2018 में 2 करोड़ 15 लाख की लागत से इसका जीर्णोद्धार कराया गया. इसके बावजूद कभी ट्रांसफॉर्मर खराब, तो कभी मशीनरी खराब की शिकायत दूर नहीं हुई. इसके कारण एक बार फिर यह विद्युत शवदाह गृह 24 जून से बंद पड़ा है. नगर निगम की ओर से उस पर एक नोटिस भी चिपकाया गया है कि विद्युत शवदाह गृह बंद है.

गंगा का बढ़ रहा जलस्तर, शव जलाने में हो रही परेशानी

गंगा का जलस्तर इन दिनों बढ़ गया है. वर्तमान में गंगा का जलस्तर 33.11 मीटर पर पहुंच चुका है. इसके कारण शव जलाने में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जैसे-तैसे लोग गंगा किनारे जान जोखिम में डाल कर अपनों के शवों का दाह-संस्कार कर रहे हैं. शव जलाने पहुंचे लोगों ने बताया कि वर्तमान में विद्युत शवदाह गृह का चालू रहना आवश्यक था.

निरीक्षण में मिली कई खामियां, चल रहा रिपेयरिंग का काम

विद्युत शवदाह गृह बंद रहने को नगर आयुक्त ने गंभीरता से लिया और निगम की टीम को निरीक्षण के लिए वहां भेजा. सिटी मैनेजर एहतशाम हुसैन के नेतृत्व में एक टीम मौके पर पहुंची और खराब पड़ी सामग्रियों का जायजा लिया. बताया गया कि विद्युत शवदाह गृह की धुंआ निकलने वाली चिमनी का पाइप पूरी तरह क्षतिग्रस्त है. जबकि एग्जास्ट फैन भी टूटा पाया गया. शव को लिटाने वाला जाली भी पूरी तरह जर्जर मिली, जबकि वहां पानी के लिए लगाया गया पाइप भी खराब है. निरीक्षण दल की रिपोर्ट पर नगर आयुक्त ने कार्य एजेंसी बुडको को रिपेयरिंग का आदेश दिया. दो दिनों से यहां काम चल रहा है.

कहती हैं नगर आयुक्त

नगर आयुक्त शिवाक्षी दीक्षित ने बताया कि विद्युत शवदाह गृह अभी ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस में है. इसके रिपेयरिंग का आदेश बुडको को दिया गया है. मरम्मत का कार्य चल रहा है. शीघ्र ही यह चालू हो जायेगा.

सरकार की नया मुक्तिधाम बनाने की योजना जमीन के पेंच में फंसी

मुंगेर. बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जो बजट पेश किया था. इसमें सात निश्चय योजना के तहत सभी जिला मुख्यालय स्थित लालदरवाजा में श्मशान घाट बनाया जाना था. इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग को राशि आवंटित की गयी. इसके तहत मुंगेर के लालदरवाजा श्मशान घाट में भी 3 करोड़ 90 लाख 96 हजार की लागत से शवदाह गृह निर्माण कराया जाना था. यहां शवदाह गृह में एक यूनिट विद्युत चालित शवदाह गृह का निर्माण होना था. जबकि एक जोड़ा लकड़ी वाला शवदाह गृह बनाया जाना था. शवदाह गृह में ही वहां कार्यरत कर्मियों के रहने की व्यवस्था होनी थी. सामुदायिक शौचालय, स्नानागार और अन्य सुविधा की जानी थी, लेकिन बिना जमीन की जांच किये ही शवदाह गृह बनाने को लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग ने डीपीआर तैयार कर उसकी प्रशासनिक स्वीकृति दे दी. इसके बाद उसका टेंडर भी निकाला गया. इसमें टेंडर भी खुला और एजेंसी का भी चयन कर लिया गया. इतना ही नहीं 2023 में ही बिहारशरीफ की चयनित एजेंसी पूजा कंस्ट्रक्शन को कार्यादेश भी जारी कर दिया गया. लेकिन जब एजेंसी के प्रतिनिधि मुंगेर पहुंचे और जिस जमीन पर श्मशान घाट का निर्माण किया जाना था उस जमीन का एनओसी मांगा, तो मामला अटक गया. क्योंकि जमीन मुंगेर जिला के अधीन थी ही नहीं, बल्कि बेगूसराय जिले के साहेबपुरकमाल अंचल के अधीन थी. इसके कारण आज तक यह यहां सरकार की यह योजना धरातल पर नहीं उतर पायी है.

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