तारापुर. यूं तो विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला विधिवत रूप से आगामी 11 जुलाई से प्रारंभ हो जायेगा, लेकिन इससे पूर्व कांवरियों का पैदल कांवर यात्रा प्रारंभ हो गया है, जबकि कांवरिया पथ में प्रशासनिक तैयारी चल रही है और सावन माह के पहले दिन से कांवरियों को प्रशासनिक स्तर पर दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिलने लगेगा. वर्तमान में तैयारी आधी-अधूरी है.
शीघ्र तैयारी होगी पूरी, पहले दिन से ही मिलने लगेगी सेवा : सीओ
अनुमंडल पदाधिकारी राकेश रंजन कुमार ने कहा कि विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम और मुहर्रम त्योहार को शांतिपूर्ण संपन्न कराने को लेकर अद्यतन समीक्षा तैयारी की नहीं हो पाई है. सोमवार को संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ कांवरिया पथ पर तैयारियों का जायजा लिया जायेगा. उन्होंने आश्वास्त किया कि दो से तीन दिन में सभी प्रकार के कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे. वहीं पथ निर्माण विभाग बांका द्वारा संपूर्ण कांवरिया पथ में 4.5 मीटर चौड़ा और 2 इंच मोटी परत उजला बालू बिछाने का कार्य कर रही है. मुंगेर जिला के कमरांय से कुमरसार तक बालू बिछाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. जबकि पथ निर्माण मंत्री के आगमन को लेकर कार्य में तेजी आयी है.
टूटे बेंच व कांवर स्टैंड की अबतक नहीं हुई मरम्मति
पर्यटन विभाग कांवरियों को जगह-जगह विश्राम करने के लिए सीमेंटेड बेंच एवं कांवर स्टैंड स्थापित की है. सीमेंटेंड बेंच की पूर्व में ही रंगरोगन कर दी गयी. लेकिन टूटे बेंच एवं कांवर स्टैंड की मरम्मति अबतक नहीं की गयी है और न ही सड़क के इर्द-गिर्द झाड़ियों को हटाया गया है. धोबई में बनने वाला टेंट सिटी में कार्य चल रहा है, जबकि गोगाचक धर्मशाला में रंगाई-पुताई और सफाई का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. वहां बिजली पंखा और अन्य उपकरण लगाने का कार्य जारी है. धर्मशाला के छत पर टेंट, पानी की अतिरिक्त टंकी अधिष्ठापित की जा रही है. धर्मशाला के केयरटेकर भरत मलिक ने बताया कि धर्मशाला यात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है. वहीं बुडको द्वारा लगाए जाने वाला हाई मास्ट लाइट की सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी स्थापित नहीं किया गया है.
कांवरिया पथ में एक सप्ताह पूर्व से मिलनी चाहिए
सुविधा
मैरवा के रामजी पांडे कहते हैं कि पिछले 30 वर्ष से कोरोना कल को छोड़कर वह बाबाधाम जा रहे हैं. दिन प्रतिदिन व्यवस्था बेहतर होती जा रही है. लेकिन कांवरियों को प्रशासनिक स्तर पर मिलने वाली सुविधा एक सप्ताह पूर्व से ही मिलनी चाहिए. कोलकाता से आए शंभू नाथ दुबे ने कहा कि 45 वर्षों से बोल बम जाते हैं. जहां बालू नहीं पड़ा है वहां थोड़ी परेशानी है. पीरों के गोविंद राय हर महीने एकादशी को जल लेकर बाबाधाम जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार खानापूर्ति करती है. कच्ची कांवरिया पथ होकर सालों भर शिवभक्त चलते हैं, इसलिए सरकार को सालों भर व्यवस्था करनी चाहिए. गोगाचक निवासी वार्ड पार्षद सन्नी कुशवाहा ने इस बार बालू बिछाव का कार्य सही ढंग से नहीं हुआ है. वहीं मनोज स्वर्णकार ने कहा कि दुकान खाेलते हैं और स्वयं सारी व्यवस्था करते हैं, लेकिन बिजली बिल अधिक आता है और मीटर नहीं दिया जाता है.
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