– सीनेट बैठक में भी छात्र संघ चुनाव को लेकर नहीं दिखी सदस्यों में दिलचस्पी
मुंगेरमुंगेर विश्वविद्यालय के स्थापना को 7 साल हो चुके हैं. लेकिन 7 वर्षों बाद भी एमयू के 17 अंगीभूत एवं 15 संबद्ध कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकार में अपना प्रतिनिधि नहीं मिल पाया है. हलांकि एमयू में दो बार छात्र-छात्राओं के प्रतिनिधि को चुनने के लिये छात्र संघ चुनाव की घोषणा की गयी, लेकिन हर बार चुनाव को आखिरी समय पर ही स्थगित कर दिया गया. ऐसे में एमयू के विद्यार्थियों का छात्र संघ चुनाव का इंतजार समाप्त नहीं हो रहा है.
दो बार बजा छात्र संघ चुनाव का शंख, नहीं हो पाया चुनाव
एमयू में साल 2024 में दो बार छात्र संघ चुनाव के लिये बिगुल बजा, लेकिन दोनों ही बार चुनाव नहीं हो पाया. अप्रैल 2024 में विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की गयी. जिसमें मतदाता सूची प्रकाशन सहित सभी आवश्यक तिथियों की अधिसूचना जारी की गयी. हलांकि मई 2024 में हुये लोक सभा चुनाव के कारण विश्वविद्यालय द्वारा छात्र संघ चुनाव को अगले आदेश तक के लिये स्थगित कर दिया गया. वहीं जुलाई 2024 माह में ग्रीष्मावकाश के बाद विश्वविद्यालय द्वारा दोबारा छात्र संघ चुनाव के लिये अधिसूचना जारी की गयी. जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया. साथ ही चुनाव को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गयी, लेकिन बाद में खुद छात्र संघों के दवाब में विश्वविद्यालय द्वारा चुनाव को स्थगित कर दिया गया. जिसके बाद से अबतक एमयू में दोबारा छात्र संघ चुनाव का बिगुल नहीं बज पाया है.
चुनाव को लेकर खुद पीछे हटे छात्र संघ
छात्र संघ चुनाव नहीं हो पाने के लिये विश्वविद्यालय से अधिक खुद छात्र संघ जिम्मेदार हैं. बता दें कि जुलाई में जारी छात्र संघ चुनाव अधिसूचना के बाद कई छात्र संघ खुद विश्वविद्यालय पर चुनाव नहीं कराने का दवाब डालने लगे. जिसमें कई छात्र संघों द्वारा पीजी तथा स्नातक के नये सत्रों में नामांकन के बाद चुनाव कराने को लेकर आवेदन दिया गया. हलांकि इससे अलग कई छात्र संघ चुनाव के दौरान एमयू के 17 कॉलेजों में अपने लिये उम्मीदवार तक नहीं ढूंढ पाये थे, जिसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा चुनाव को स्थगित कर दिया गया और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अपने लिये प्रतिनिधि चुनने से वंचित रह गये.
छात्र-छात्राओं की समस्याओं को नहीं मिल पा रहा आवाज
एमयू में 7 साल बाद भी छात्र संघ चुनाव नहीं होने और विद्यार्थियों को अपना प्रतिनिधि नहीं मिल पाने के कारण उनकी समस्याओं को आवाज नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण ही अब विद्यार्थी भी अपनी समस्याओं को लेकर खुद ही विश्वविद्यालय व कॉलेजों का चक्कर काट रहे हैं. वहीं मजबूत स्तर पर विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण जहां एमयू के विद्यार्थी लंबे समय से विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपने शैक्षणिक प्रक्रियाओं के दौरान आवश्यकता से अधिक शुल्क भर रहे हैं. वहीं कॉलेजों में भी लगातार विद्यार्थियों से पैसे लिये जाने का मामला सामने आता है. जिसे लेकर विश्वविद्यालय के साथ खुद एमयू के कई छात्र संघ पूरी तरह मौन बने हैं.
कहते हैं डीएसडब्लू
डीएसडब्लू प्रो. भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि साल 2024 विश्वविद्यालय द्वारा छात्र संघ चुनाव को लेकर सभी तैयारी कर ली गयी थी. हलांकि खुद छात्र संघों द्वारा चुनाव स्थगित करने को लेकर आवेदन दिया गया था, जिसके कारण चुनाव को स्थगित किया गया. चुनाव को लेकर कुलपति के निर्देशानुसार कार्य किया जायेगा.
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