मेदिनीनगर. पलामू जिला स्वास्थ्य समिति ने सोमवार को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया. मौके पर सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. सीएस डॉ श्रीवास्तव ने हेपेटाइटिस के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर रोग है. इस रोग से पीड़ित होने पर व्यक्ति के यकृत (लीवर) में सूजन हो जाता है. वायरल संक्रमण, अत्यधिक शराब सेवन, आटोइम्यून रोगों या लंबे समय तक दवा का सेवन करने से यकृत में सूजन हो सकता है. उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस वायरस पांच प्रकार का होता है. दूषित पानी और भोजन का सेवन करने से हेपेटाइटिस ए और ई का वायरस फैलता है. जबकि हेपेटाइटिस बीसी और डी संक्रमित रक्त व शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क से फैलता है. स्वच्छता और सतर्कता बरतने से ही इस रोग से पूरी तरह बचा जा सकता है. जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ अनूप कुमार सिंह ने हेपेटाइटिस बी वायरस के खोज के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि डॉ. बारुच ब्लमबर्ग ने वर्ष 1967 में हेपेटाइटिस-बी वायरस की खोज की थी. दो वर्षों में ही उनके द्वारा हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए पहली वैक्सीन विकसित किया गया. इस उपलब्धि के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था. उनके जन्म दिवस को प्रत्येक वर्ष विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है. कार्यक्रम में डीपीएमयू को-आर्डिनेटर आलोक सिंह, सुरेंद्र रवि के अलावा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल की छात्रा सुमन कुमारी,चांदनी कुमारी सहित अन्य कर्मी मौजूद थे.
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