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खगड़िया विधानसभा चुनाव 2025
(Khagaria Vidhan Sabha Chunav 2025)
खगड़िया विधानसभा: कांग्रेस ने 1985 के बाद की वापसी, पूनम देवी का विजय रथ रूका
खगड़िया विधानसभा में 1985 के बाद 2020 के चुनाव में कांग्रेस का फिर से कब्जा हुआ. इस सीट पर जदयू की पूनम देवी यादव लगातार चुनाव जीतती रहीं. लोजपा और हम पार्टी ने भी यहां सक्रिय राजनीति की और उम्मीदवार उतारे हैं. इसबार एनडीए में सीट शेयरिंग और उम्मीदवार पर सबकी नजर रहेगी.
खगड़िया विधानसभा चुनाव परिणाम
2020
2015
2010
CANDIDATE NAME | PARTY | VOTES |
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खगड़िया विधान सभा चुनाव से जुडी जानकारी
खगड़िया विधानसभा खगड़िया जिले का ही हिस्सा है. यहां अभी कांग्रेस का कब्जा है. इस विधानसभा सीट पर भाजपा, वामदल, लोजपा, जदयू उम्मीदवारों ने भी पूर्व में जीत दर्ज की है. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर रणवीर यादव 1990 में यहां से जीतकर विधायक बन चुके हैं. वर्तमान में कांग्रेस के छत्रपति यादव यहां के विधायक हैं. पिछले चुनाव में जदयू उम्मीदवार को उन्होंने हराया था. 57 प्रतिशत से अधिक मतदान पिछली बार हुआ था.
कांग्रेस को 1985 के बाद कांग्रेस को मिली जीत
2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गयी. कांग्रेस ने छत्रपति यादव को टिकट थमाया. एनडीए की तरफ से जदयू ने पूनम देवी यादव को मैदान में उतारा. जबकि जदयू के विरोध में खुलकर उतरे चिराग पासवान ने भी यहां प्रत्याशी उतारा. लोजपा (रामविलास) की प्रत्याशी रेणु कुमारी थीं. इस मुकाबले में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. कांग्रेस के छत्रपति यादव ने निकटतम प्रत्याशी जदयू की पूनम देवी को करीब 3000 वोटों से हराया था. इस चुनाव में लोजपा प्रत्याशी को 20 हजार से अधिक वोट मिले थे.
2015 में हम-जदयू की हुई टक्कर
2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू और राजद-कांग्रेस साथ थी. एनडीए में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) पार्टी की तरफ से उम्मीदवार उतारे गए. महागठबंधन की तरफ से जदयू के उम्मीदार ने हम प्रत्याशी को हराकर इस चुनाव में जीत दर्ज की थी. जदयू की पूनम देवी को तब 64 हजार से अधिक वोट मिले थे. जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी हम पार्टी के राजेश कुमार को 40 हजार से भी कम वोट मिले थे. पप्पू यादव की जाप पार्टी के प्रत्याशी मनोहर कुमार यादव को इस चुनाव में 13 हजार के करीब वोट मिले थे.
पूनम देवी 2010 में भी जीतीं
2010 के चुनाव में जदयू की पूनम देवी यहां से जीती थीं. लोजपा की सुशीला देवी को उन्होंने सीधी टक्कर में हराया था. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर इस चुनाव में धर्मेंद्र कुमार उतरे जो तीसरे स्थान पर रहे थे.
लोजपा और जदयू की टिकट पर जीतती रहीं पूनम देवी
2005 से 2015 तक के चुनाव में लोजपा और जदयू की तरफ से अलग-अलग चुनाव में प्रत्याशी बनकर पूनम देवी यादव ही यहां से जीतती रहीं. 2020 में कांग्रेस ने यहां कब्जा जमाया. 2011 की जनगणना के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र की आबादी 364803 है.