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तारापुर विधानसभा चुनाव 2025
(Tarapur Vidhan Sabha Chunav 2025)
तारापुर विधानसभा: प्रत्याशी बदलकर भी जदयू दर्ज करती है जीत, उपचुनाव में भी बजा था डंका
तारापुर मुंगेर जिले में है जबकि जमुई लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. बिहार के वर्तमान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी यहां सक्रिय रहते हैं. इस विधानसभा के चर्चित नेता शकुनी चौधरी रहे. जदयू यहां अलग-अलग प्रत्याशी देकर भी जीत दर्ज करती आयी है. उपचुनाव में भी जदयू को ही जीत मिली.
तारापुर विधानसभा चुनाव परिणाम
2020
2015
2010
CANDIDATE NAME | PARTY | VOTES |
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तारापुर विधान सभा चुनाव से जुडी जानकारी
तारापुर विधानसभा जमुई लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. हालांकि इसका जिला मुंगेर है. तारापुर विधानसभा के अंदर तीन लाख से अधिक मतदाता हैं. यहां 2000 ये अबतक राजद और जदयू का दबदबा रहा है. इन्ही दोनों दलों के प्रत्याशी पिछले 7 चुनावों में जीतते आए हैं. 2010 से जदयू का ही इस सीट पर डंका बजता आया है. 2021 में इस सीट पर उपचुनाव हुए थे. जदयू ने इस उपचुनाव में जीत दर्ज की थी.
शकुनि चौधरी रहे चर्चित नेता
तारापुर विधानसभा सीट से कांग्रेस, सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, समता पार्टी और शोषित दल ने भी जीत का स्वाद चखा है. शकुनि चौधरी यहां के चर्चित नेता रहे जो 1985 से 1995 तक यहां से जीते. 2020 के चुनाव में जदयू के मेवालाल चौधरी ने यहां से जीत दर्ज की. कोरोनाकाल में उनके निधन के बाद 2021 में उपचुनाव हुआ. जदयू इस सीट को बचा पाने में सफल रही.
उपचुनाव में जदयू की जीत
2021 उपचुनाव में जदयू ने राजीव कुमार सिंह को टिकट थमाया. सामने महागठबंधन की ओर से राजद ने अरुण कुमार साह को मैदान में उतारा. जेडीयू प्रत्याशी राजीव कुमार सिंह ने इस उपचुनाव में जीत दर्ज की. उन्हें 79090 वोट मिले थे. जबकि आरजेडी के अरुण साह को 75238 वोट मिले थे. चिराग पासवान की पार्टी लोजपा से मैदान में उतरे कुमार चंदन को 5364 वोट मिले थे.
मेवालाल चौधरी दो बार जीते
इससे पहले जदयू के मेवालाल चौधरी लगातार दो बार 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां से जीते थे. 2020 के चुनाव में मेवालाल चौधरी को 64 हजार से अधिक वोट मिले थे. सीधी टक्कर में हारीं राजद प्रत्याशी दिव्या प्रकाश को 58 हजार से कम वोट मिले थे. जबकि लोजपा के प्रत्याशी ने इस चुनाव में 11 हजार से अधिक वोट पाए थे.
2015 का विधानसभा चुनाव
2015 के चुनाव में जदयू की तरफ से मेवालाल चौधरी पहली बार टिकट लेकर मैदान में आए थे. मेवालाल चौधरी बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, भागलपुर के कुलपति रह चुके थे. जदयू के साथ राजनीति शुरू किए मेवालाल चौधरी ने 2015 के चुनाव में जीतनराम मांझी की पार्टी हम के प्रत्याशी शकुनि चौधरी को 10 हजार से अधिक वोटों के अंतर से सीधी टक्कर में हराया था. तब जदयू और भाजपा अलग चुनाव लड़ी थी.
2010 में नीता चौधरी ने खोला था जदयू का खाता
वर्ष 2010 के चुनाव में जदयू की तरफ से नीता चौधरी मैदान में उतरी थीं. वहीं शकुनि चौधरी तब राजद के प्रत्याशी थे. नीता चौधरी ने शकुनि चौधरी को करीब 14 हजार वोटों से हराया था. नीता चौधरी ने पहली बार जदयू को इस सीट पर जीत दिलायी थी. इसके बाद उनके पति मेवालाल चौधरी जदयू की तरफ से जीते. नीता चौधरी और मेवालाल चौधरी का निधन हो चुका है.
जदयू-राजद के मजबूत पक्ष
तारापुर विधानसभा में तीन लाख से अधिक वोटर हैं. 400 से अधिक मतदान केंद्रों पर वोट पड़ते हैं. राजद यहां MY समीकरण के अलावे वैश्य वोटरों पर भरोसा जताती है. जदयू को लव-कुश एकता पर भरोसा रहता है.